![]() |
Intrepidity of Gopal Krishna Gokhale |
Intrepidity of Gopal Krishna Gokhale – a real life true story
गोपाल कृष्ण गोखले की निडरता
गोपाल कृष्ण गोखले एक ऐसा नाम जिसे अंग्रेज भी बड़ी इज्जत से लेते थे।एक ऐसे स्वाध्यायी व विद्वान जिनके बारे में स्वयं उस समय के भारतीय कमांडर –इन चीफ किचनर ने कहा था –“गोखले ने यदी कोई अंग्रेजी पुस्तक नहीं पड़गी है तो अवश्य वह पढ़ने योग्य होगी ही नहीं ।”
गोपाल कृष्ण गोखले एक ऐसी विभूति जिसने भारतीय जन-जीवन में स्वाधीनता का मन्त्र ऐसा फूका कि अंग्रेज हिल गये । एक ऐसे राजनीतिज्ञ जिन्हें गाँधी जी भी अपना राजनीतिक गुरु मानते थे और उनसे advice लेते थे ।
गोपाल कृष्ण गोखले जब छोटे थे तभी से उनमें निडरता विद्वत्ता के गुण नज़र आते थे । एक बार वो school में थे वहाँ पर उनसे बड़ी age के एक boy ने उनका हाथ तेजी से पकड़ लिया और उनको डारते हुए बोला; क्या तुझे मुझ से डर नहीं लगता में बड़ा हूँ तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता हूँ इस पर गोपाल कृष्ण गोखले बोले – “मैं तो अंग्रेजों से भी नहीं डरता तो तुमसे क्यों कर डरूं तुम तो अपने हो।”
इस पर उस बड़े लड़के ने गोपाल की आखों में आखें गड़ाते हुए बोला –“ क्या तुझे अंग्रेजों से डर नहीं लगता, उनसे तो सब बच्चे डरते हैं।” इस पर नन्हें गोपाल ने उसकी आखों में आखें डालते हुए कहा –“मैं भला उन अंग्रेजों से क्यों डरूं ?”
तभी वहाँ एक अन्य लड़का आ गया और गोपाल का मजाक उड़ाते हुए बोला, अरे भाई! तुमने गोपाल से गलत question पूछा लिया है । तुमको पूछना चाहिए था। गोपाल ! क्या अंग्रेज तुम से डरते हैं ? तब गोपाल बोलता, हाँ अंग्रेज मुझसे डरते हैं। और ये कह कर वो लड़का हँसने लगा।
इस पर उस लड़के से गोपाल बड़ी ही सहजता से बोले – “हाँ भैया तुम बिल्कुल सही कह रहे हो ! अंग्रेज हम सभी से डरते हैं, सभी देशवासियों से डरते हैं, हमारे village में रहने वोलों से डरते हैं। तभी तो वे हमेशा घोड़े पर सवार होकर हाथ में चाबुक लेकर चलते हैं और छोटी- छोटी बात पर हमारी गरीब , निर्दोष जनता पर चाबुक चला देते हैं । वे हमे डराते हैं क्योंकि वो हमसे डरते हैं।”
वहां खड़े दूसरे लड़के- लड़कियां गोपाल कि बात सुन कर, उसकी तारीफ करने लगे और तालियाँ बजाते हुए बोले वाह- वाह गोपाल तुम सच में निडर हो। तुम्हारे विचार बहुत उच्च हैं ।
तभी पीछे से एक आवाज आयी- गोपाल! यहाँ आओ। सब ने चौक के देखा तो पीछे school के head master खड़े थे । सब ने उनको wish किया और चुप चाप खड़े हो गये ।
head master के हाथ में एक छड़ी थी जिससे इशारा कर के उन्होंने गोपाल को बुलाया था । सभी बच्चे डर गये कि अब गोपाल की ख़ैर नहीं । कुछ बच्चे सोचने लगे, “अच्छा ही है कि गोपाल पिटे। पिददा सा है और बड़ी- बड़ी बाते करता है न जाने खुद को क्या समझता है। हमेशा, छोटे मुह बड़ी बात।”
पर गोपाल बिना डरे, बड़ी निर्भीकता के साथ head master के पास गये और head master को wish करते हुए उनके सामने खड़े हो गये और बोले जी guru जी, head master ने उनको शाबाशी देते हुए कहा- “शाबाश मेरे बच्चे।” और गोपाल को अपने सीने से लगा लिया। और उसके कंधे थपथपाते हुए बोले-“ मुझे तुम पर गर्व है और आने वाला कल भी तुम पर गर्व करेगा। तुम अवश्य ही देश का नया इतिहास लिखोगे।”
Friend’s, आप को मेरी, “Intrepidity of Gopal Krishna Gokhale – a real life true story” motivational story, Hindi में कैसी लगी? क्या ये story सबकी life (personality) में positivity ला सकने में कुछ सहयोगी हो सकेगी, if yes तो please comments के द्वारा जरुर बताये ।
One Request: Did you like this personal development base motivational story in Hindi? If yes, become a fan of this blog...please
Related Post
Re-commanded Links
0 Comments: